मॉर्निंग वाक
-राय साहब पांडेय
सवेरे क घूमब मस्ती भरा आलम है
अनूठा ये अनुभव
अनोखा नज़ारा है |
बेफिक्र मस्ती में झूम रहे लड़िका सब,
लादे बाहेन बस्ता झुकल-झुकल पीठ पर,
खगन क टोली कतौं उतरल बा धरती पर,
करै बदे पंचाईत और खाए खातिन दाना |
केहू बोले राम-राम, केहू हरिओम कहे,
केहू गुड मॉर्निंग तो केहू सलाम बोले,
सुनत चलत गाना मोबाइल के तार से,
लगावत हैं चक्कर घूम-घूम मस्ती में |
उड़त बाटै खुशबू, तो बहत बा पसीना,
केहू हौवे खासत, तो केहू बा खखारत,
चलत हौवें चाचा संभालत हौवें लाठी,
मुड़ि-मुड़ि के पीछे देखत चलत चाची |
केहू लिहे गोदी में बा लड़िका घुमावत,
करिया बा लगा टीका नज़र से बचावत,
जकड़े बा जुकाम औ बहत बाटै नकुरा,
पोछत बाहिन अम्मा घुमाई के अचरा |
करत बा केहू कसरत केहू बाटै धावत,
पकड़ि आपन नकुरा बा पेटवै फुलावत,
लगावत बा ध्यान, सिखावत बा मुद्रा,
थकत नाहीं रचिकौ गिनावत हौ नफा |
पीटत कोई ताली, कोई गावत चलीसा,
डिस्कस केहू करत बा देश क सियासत,
केहू करि रहा देखो बड़ाई है जीसटी क,
केहू खातिन नोटबंदी सबब बनी मंदी क |
उड़त बाटै धूल जब क्रिकेट खेलें लड़िका,
मारि रहे चौका सचिन, धोनी मारें छक्का,
बॉल जब पीठ में जोर क लगल चाचा के,
लड़िका मनुहार करैं भड़की हुई चाची क |
पार्कवा में एक ओर लगल बा जमवड़ा,
पेंशनर्स क हंसी उनका जोर का ठहाका,
लगत बाटै गप्पा कौनो बा चर्चा पुरानी,
सुनावत बा कोई आपन जीवन कहानी |
आयोजन बा कोई आज सब दे रहे बधाई,
जनम दिन मुबारक तुम्हें खेलावन भाई,
खेलावन ने खुद सबको चाय है पिलवाई,
वाचमैन बांट रहा दोना मा भुजिया-मिठाई |
मिलते हैं फिर शाम में करि उठे यह वादा,
चुटकी बजाते चले गाते कोई नग्मा पुराना,
मस्ती में डोल रहे जल्दी नहीं ऑफिस की,
दिन भर का टॉनिक मिला जो सवेरे-सवेरे |
